हे वीर तुम्हारे द्वारे पर , एक दर्श भिखारी आया है ,
प्रभु दर्शन भिक्षा पाने को , दो नयन कटोरे लाया है ।
नहीं दुनिया में कोई मेरा है , आफत ने मुझको घेरा है ,
प्रभु एक सहारा तेरा है , जग ने मुझको ठुकराया है ।
हे वीर तुम्हारे द्वारे पर , एक दर्श भिखारी आया है ।
धन दौलत की कुछ चाह नहीं , घर बार छूटे परवाह नही ,
मेरी इच्छा है तेरे दर्शन की , दुनिया से चित घबराया है ।
हे वीर तुम्हारे द्वारे पर , एक दर्श भिखारी आया है ।
मेरी बीच भँवर में नैया है , बस तू ही एक खिवैया है ,
लाखों को ज्ञान सीखा तुमने , भव सिंधु पार लगाया है ।
हे वीर तुम्हारे द्वारे पर , एक दर्श भिखारी आया है ।
आपस में प्रीत व प्रेम नहीं , प्रभु तुम बिन अब हमको चैन नही ,
अब तुम ही आकर दर्शन दो ,"त्रिलोकीनाथ " अकुलाया है।
हे वीर तुम्हारे द्वारे पर , एक दर्श भिखारी आया है ,
प्रभु दर्शन भिक्षा पाने को , दो नयन कटोरे लाया है ।