श्री कुंथुनाथ - जिनेंद्र
जल चंदन तंदुल प्रसून चरु , दीप धूप लेरी। फल -जुत जजन ...
।। श्री धर्मनाथ जिनेन्द्र भगवान का अर्घ।।
आठों दरब साज शुचि चित हर, हरषि ...
देव - शास्त्र - गुरु का अर्घ्य
जल परम - उज्ज्वल गंध अक्षत , पुष्प चरु दीपक ...
।। श्री अनंतनाथ भगवान का अर्घ ।।
शुचि नीर चन्दन शालिशंदन, सुमन चरु दीवा धरौं ...
श्री मुनिसुव्रत - जिनेन्द्र
जल गंध आदि मिलाय आठों, दरब अरघ सजौं वरौं पूजों ...
।। श्री शीतलनाथ भगवान का अर्घ ।।
शुभ श्री फलादि वसु प्रासुक द्रव्य साजे ...
श्री नमिनाथ - जिनेन्द्र
जल - फलादि मिलाय मनोहरं , अरघ धारत ही भवभय - हरं। जजतु ...
।। श्री पुष्पदंत भगवान का अर्घ ।।
जल फल सकल मिलाय मनोहर , जन -वच -तन हुलसाय ...
श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्र
नीर गन्ध अक्षतान पुष्प चारु लीजिये। दीप धूप ...
।। श्री चंद्र प्रभु भगवान का अर्घ ।।
सजि आठों दरब पुनीत , आठों अंग नमौं ...